मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को लेकर भले ही विवाद खड़ा हो रहा हो और वह लोगों की चुनौतियां स्वीकार कर रहे हों, लेकिन क्या आपको पता है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आखिर कैसे लोगों के मन के विचार बिना बताए ही जान लेते हैं? असल में बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खुद ही इस राज से पर्दा हटा दिए हैं.
बागेश्वर महाराज पर अंध विश्वास फैलाने के आरोप लग रहे हैं. बाबा कभी रावण से फोन पर बात करते हैं तो कभी लोगों के मन की बात बात कर चर्चा में रहते हैं. सोशल मीडिया पर उनके तमाम वीडियो अकसर वायरल होते रहते हैं. कभी बागेश्वर धाम के इसी मंदिर में उनके दादा भी पुजारी थे. वे अपने दादा को अपना गुरु मानते हैं. अपने धार्मिक ज्ञान शक्तियों से लोगों को जोड़ना शुरू किया. यही से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के महाराज कहलाने लगे. कहा ये भी जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री के दादाजी को सिद्ध प्राप्त थी. धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि उन्होंने अपने दादा से ही रामकथा सीखी थी. लिहाजा, वे अपने दादा की तरह हर शनिवार और मंगलवार को दिव्य दरबार लगाते हैं.
दिव्य दरबार से मिली ख्याति विदेशों तक पहुंची
दिव्य दरबार की वजह से ही धीरेंद्र शास्त्री फेमस हुए है. यहां जो भी लोग अपनी पीड़ा सुनाने आते हैं, महाराज जी उस बात को उससे बिना पूछे ही पर्चे पर पहले लिख देते है. अब ये सब देखकर अर्जी लगाने वाला भी हैरान होता है, और ये सब देख रहे लोग भी. सोशल मीडिया पर इसके काफी वीडियो वायरल हुए, जिस वजह से आज वो दुनियाभर में फेमस है. आपको बता दें कि पंडित धीरेंद्र को 14 जून 2022 को लंदन की संसद में 3 अवॉर्ड संत शिरोमणि, वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन और वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप से सम्मानित किया गया था. ये सम्मान उन्हें सामाजिक और धार्मिक परोपकारी कामों को लेकर मिला था. ब्रिटेन की संसद में उनके सम्मान समारोह में जय श्री राम के नारे भी लगे थे.
कौन लगाया अंधविश्वास का आरोप
महाराष्ट्र की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास का आरोप लगाया है. धीरेंद्र शास्त्री ने अंधविश्वास फैलाने आरोप लगाने वालों की चुनौती स्वीकार की है. उन्होंने अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव और उनके लोगों को रायपुर बुलाया है और कहा है कि यहां तक आने का टिकट भी वह खुद देंगे. लेकिन समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव को यह स्वीकार नहीं है. उनका कहना है कि यह चैलेंज सिर्फ नागपुर में 10 लोगों के बीच पूरा होगा.
जानिए कैसे बाबा पढ़ लेते हैं मन की बात
बागेश्वर महाराज ने खुद इस राज से पर्दा हटा दिया है कि कैसे वह लोगों के मन की बात बिनाए बताए ही जान लेते हैं. वह खुद इसे ईश्वर का आशीर्वाद इसे हनुमान जी की कृपा मानते हैं. साथ ही वह इसे अपने दादा का भी आशीर्वाद मानते हैं.
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