शिव के इस धाम में नहीं पहुंच पाता कोई, वैज्ञानिक भी रहते हैं दूर

शिव का नाम हो और उनके तीर्थ स्थलों की बात न हो, ऐसा कैसे संभव है? हर शिव भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के…

शिव का नाम हो और उनके तीर्थ स्थलों की बात न हो, ऐसा कैसे संभव है? हर शिव भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचने को तैयार है। इन्हीं पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक स्थल का नाम है कैलाश मानसरोवर। हिन्दु धर्म में कैलाश मानसरोवर को सबसे पवित्र स्थल माना गया है। पत्रिका.कॉम इस लेख में आपको बता रहा है, कैलाश मानसरोवर से ही जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में जिनसे ज्यादातर लोग आज भी अनजान हैं। यहां पढ़ें रोचक फैक्ट्स…

– कैलाश पर्वत 22,028 फीट ऊंचा एक पिरामिड है। जो पूरे साल बर्फ की सफेद चादर में लिपटा रहता है।

– मान्यता है कि यह पर्वत स्वयंभू है और उतना ही पुराना है, जितनी की सृष्टि।

– इस अलौकिक जगह पर प्रकाश और ध्वनि तरंगों का समागम होता है। इस समागम से ‘ऊं’ की ध्वनि निकलती है। इसे वैज्ञानिक भी किसी करिश्मे से कम नहीं मानते।

– इस पर्वत का स्वमरूप इतना अद्भुत और निराला है कि यहां पहुंचते ही लोगों को स्वर्ग में होने का अहसास होता है।

– इस पर्वत की रहस्यमयी दुनिया के चमत्कारों को कोई नहीं समझ सकता।

– बताते चलें कि कैलाश पर्वत के हर भाग को अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

– इस पर्वत के दक्षिण भाग को नीलम, तो पूर्व भाग को क्रिस्टल, पश्चिमी भाग को रूबी और उत्तर को स्वर्ण के रूप में माना जाता है।

– पौराणिक कथाओं में इस स्थान को कुबेर की नगरी कहा गया है।

– इसी स्थान से गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है।

– मान्यता है कि यहां से भोलेनाथ उन्हें अपनी जटाओं में भरकर धरती पर प्रवाहित करते हैं।

-इसके अलावा कैलाश पर्वत की चोटियों के बीच में दो झीलें भी हैं।

– इनमें से एक को मानसरोवर झील और दूसरी को राक्षस झील कहकर पुकारा जाता है।

– मानसरोवर झील के दर्शन की विशेष महिमा मानी गई है।

– यह झील 320 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैली हुई है। इस झील को दुनिया की सबसे उंची और शुद्ध पानी की झील माना जाता है।

– इसका आकार सूरज के समान है। माना जाता है कि यहां भी ऊं की ध्वनि सुनाई देती है।

– माना जाता है अगर कोई इस झील में एक बार स्नान कर ले तो उसे रूद्र लोक प्राप्त होता है।- वहीं राक्षस झील के बारे में कहा जाता है कि इसी झील के पास रावण ने शिवजी की घोर तपस्या की थी।

– इसीलिए इस झील को रावणताल भी कहा जाता है।

– ये झील 225 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली है। इसका आकार चंद्रमा के समान है।

– ये झील खारे पानी की सबसे ऊंची झील मानी जाती है।

– इसके अलावा कैलाश पर्वत के चमत्कारों में 7 तरह की लाइटें भी आती हैं।

– इस पर वैज्ञानिकों का मानना है कि कई बार चुम्बकीय बल आसमान से मिलकर इस तरह की रोशनी पैदा करते हैं। लेकिन इसके विपरीत भक्त इसे शिव की महिमा मानते हैं।

– माना जाता है कि भोलेनाथ के भक्त इस यात्रा पर निकलते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी अब तक कैलाश पर्वत की चोटी पर नहीं पहुंच पाया है।

– माउंट एवरेस्ट से कम ऊंचाई होने के बाद भी यहां पर अब तक कोई नहीं पहुंच पाया। कहते हैं जिसने भी इस पर्वत पर जाने की कोशिश की वो या तो पथ भ्रष्ट हो गया या फिर बर्फानी तूफान की वजह से आगे ही नहीं बढ़ सका।

– वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि कैलाश पर्वत की चोटी पर रेडियो एक्टिव पार्टिकल्स हैं। जिसकी वजह से कैलाश पर्वत तक पहुंच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

Read More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *